Tuesday, June 30, 2020

Lachaar Mohabbat, Majboor Mohabbat Shayari in Hindi or English


लाचार मोहब्बत 

ग़म-ए-उल्फ़त में जो जिंदगी कटी हमारी..
ख़्वाहिशों की दुनिया से दूर रहने  की कर ली तैयारी..


जब भी आती हो पुराने ज़ख्मों को ताज़ा कर ही जाती हो..
सोचा इस बार तोहफ़ा देने की हमारी है बारी..

इतनी सी बात पे, कमबख़्त ने संगदिल होने का हमें ख़िताब दे दिया.
पर मासूम दिल के संग खेलती है वो खुद बेचारी...

खुद के किए का उसे कभी कोई ज़रा सा भी पछतावा नही..
और खुद चाहिए उसे सबसे, सच्ची यारी...

लाख कोशिशें कर लूँ, दामन छुड़ाने का उससे..
दूर होती ही नही, मुझे लग जो गयी है, उसके इश्क़ की बीमारी...

और अब तो बैधो और हाकिमों ने भी तौबा कर लिया है..
उनसे भी देखी नही जाती मेरी ये लाचारी...



कहते हैं इतना दर्द, इतना बोझ लेकर ये हँसता कैसे है..
उन्हें क्या पता, एक झलक ही काफ़ी है, वो है ही इतनी प्यारी

बहुत आए और बहुत गये, पर जुदा कोई नही कर पाया मुझे उससे..
हार कर सामने सर झुका कर खड़े हो गये, जो खुद को समझते थे मोहब्बत के ब्यापारी...

और तुम्हें पता है....

वो जलती है दुनिया वालों से की कोई मुझे उनसे छिन ना ले..
अब मुझे भी समझ आया है उसका ये अंदाज़े मोहब्बत, उसे चाहिए क्या बस मेरा साथ..!
मैं भी अपनी पूरी ज़िंदगी बिताऊँगा अब उस पगली के साथ ही सारी..
उसके ही  खवाहिसो के दुनिया में रहने की करूँगा तैयारी..
मुझे लग जो गयी है, उसके इश्क़ की बीमारी..







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