अनकही मोहब्बत
वो कहती
थी
नहीं
जायेगे कभी छोड़ कर तुम्हे…!
सच कहती
थी
आज भी
है वो मेरे यादों में...!
वो चली
जाये
छोड़कर
ये तो मुमकिन नहीं..!
आज भी
उतार देता हूँ मैं
उसे
अपने शायरी के हर अल्फाजों में….!
क्या
फर्क है
साथ थी
तब भी रुलाती थी..!
आज भी
उतर आती है
बन के
आंसू इन आँखों में..!
❣️❣️❣️❣️
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