बेवफा के शहर में
सुबह से लेकर शाम तक एक बेवफा के शहर में...
मैं सूनाउगा कलाम एक बेवफा के शहर में...
जो निकाले जा चुके थे हम भी आदम की तरह...
फिर भी रखते हैं मुकाम एक बेवफा के शहर में..
दोस्ती का हाथ भी ये हाथ में लेते नहीं ....
जैसे फैला हो जुजाम {Leprosy(कोढ़)} एक बेवफा के शहर में..
मेरे आने की किसी को गर नही कोई ख़ुशी ....
फिर ये क्यूँ है ताम झाम एक बेवफा के शहर में ...
तेरे शोहरत के वजह से आज भीं तेरा "नूर"
करते हैं सब एहतेराम एक बेवफा के शहर में ...
सुबह से लेकर शाम तक एक बेवफा के शहर में...
मैं सूनाउगा कलाम एक बेवफा के शहर में...
Kya baat hai❤️✨🔥
ReplyDeleteWaaah waaah ! Mai sunaunga kalam ek bewafa ke sher mae 🙏🤩🔥
ReplyDeleteWaaaah!waaaah!😍😍 Bohot khooob 👌👌
ReplyDeleteThanku so much 🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteMagorically magical
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